मर्जर के बाद नहीं बदलेगा Punjab National Bank का नाम, बैंक ने कहा-ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं
Punjab National bank: पीएनबी की तरफ से यह वक्तव्य ऐसे समय आया है जब यूबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार मर्जर के बाद बनने वाले नए बैंक का नया नाम और चिह्न अनाउंस कर सकती है. तीनों बैंकों का मर्जर 1 अप्रैल 2020 से अस्तित्व में आ जाएगा.
इस विलय के बाद पीएनबी सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा बड़ा बैंक बन जाएगा. (रॉयटर्स)
इस विलय के बाद पीएनबी सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा बड़ा बैंक बन जाएगा. (रॉयटर्स)
Punjab National bank: पंजाब नेशनल बैंक ((PNB) ने मंगलवार को कहा कि दो अन्य बैंकों के मर्जर के बाद बैंक का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है. सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के दो अन्य बैंकों ओरिएंटल बैंक आफ कॉमर्स (OBC) और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (UBI)) के मर्जर का फैसला किया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, पीएनबी की तरफ से यह वक्तव्य ऐसे समय आया है जब यूबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार मर्जर के बाद बनने वाले नए बैंक का नया नाम और चिह्न अनाउंस कर सकती है. तीनों बैंकों का मर्जर 1 अप्रैल 2020 से अस्तित्व में आ जाएगा.
पीएनबी ने एक ट्वीट में कहा कि पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) यह स्पष्ट करता है कि बैंक का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने पिछले साल सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का एक दूसरे में विलय कर चार बैंक बनाने की घोषणा की थी.
Punjab National Bank hereby clarifies that there is no proposal to change the name of the Bank.
— Punjab National Bank (@pnbindia) February 11, 2020
ओबीसी और यूबीआई बैंक का पीएनबी में मर्जर करने का फैसला किया गया. इस विलय के बाद पीएनबी सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा बड़ा बैंक बन जाएगा. इसके अलावा सिंडीकेट बैंक का केनरा बैंक में, इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक के साथ और इसी प्रकार आंध्र बैंक और कारपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (United Bank of India) के साथ विलय करने की घोषणा की गई.
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ओबीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक मुकेश कुमार जैन ने कहा कि ओबीसी, यूबीआई और पीएनबी का प्रस्तावित मर्जर समानता के आधार पर होगा. उन्होंने कहा, ‘‘हमने वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि तीनों बैंकों के मर्जर के बाद बनने वाले बैंक का नाम या तो तीनों बैंकों के अलग होना चाहिये या यह नाम तीनों की पुरानी पहचान को बरकरार रखते हुए रखा जाना चाहिये. इससे नये नाम में तीनों की समान भागीदारी का एहसास होगा. इससे पहले इस तरह का विलय विजय बैंक और देना बैंक का बैंक आफ बड़ौदा में हो चुका है जहां विलय के बाद सबसे बड़े बैंक आफ बड़ौदा के नाम पर ही नए बैंक का नाम रखा गया.
07:43 PM IST